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  • What is Social Marriage - सलाह-लाभ-हानियाँ, सावधानियाँ- रजिस्ट्रेशन आदि जानिये कुछ :-


           Social Marriage क्या है?:- सामाजिक विवाह वह विवाह है जब पति-पत्नी अपने माता पिता और परिवारजनो की अनुमति से या उनकी इच्छा से विवाह करे, या माता पिता के द्वारा वर-वधु का चयन करके विवाह संपन्न कराया जाए या प्रेम विवाह को पारिवारिक जनों की सहमती उपलब्ध होभारत में इसी विवाह की सर्वाधिक मान्यता हैऔर वर्तमान में यही विवाह सम्पूर्ण भारत में मान्य हैलेकिन इस विवाह की अपनी कुछ विधिक/क़ानूनी समस्याए और सीमाए है| जिन्हें कोर्ट मैरिज सेक्शन में पूरा किया जाएगासामाजिक विवाह में दोनों परिवारों के सभी लोग उपस्थित होते है, आपसी संवाद होते हैउत्सव मनाया जाता है, दावते होती है और उपहारों का आदान प्रदान होता है| वर-वधु को सभी परिवारोजनों और समाज के गणमान्य लोगो से परिचित कराया जाता है जिससे की दोनों के संबंधो को समाज में अनुमति प्रदान की जाये और वरिष्ठो से विवाह की सफलता और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद दिलाया जाता है|

      सामाजिक विवाह के लाभ:- 

          1.  सामाजिक विवाह से संबंधो को सामाजिक पहचान मिलती हैऔर वैवाहिक सम्बन्ध आसानी से स्वीकार किए जाते है|
          2.  सामाजिक विवाह से एक साथ विवाह की सामाजिक उद्घोषणा की जाती है, तथा सबको एक-एक करके नहीं बताया जाता|

          3.  सामाजिक विवाह से दो परिवारों का मिलन होता हैऔर नए रिश्तो जैसे सालासालीननददेवरसास-ससुर आदि को जल्दी पहचान मिलती है, तथा एक नया सामाजिक समूह बनता है|

          4.  परिवार में खुशहाली का माहौल होता हैसब लोगो का आपस में मिलता जुलना होता है, एक सकारात्मक ऊर्जा होती है, जिससे नव विवाहित जोड़ा एक दुसरे के परिवार में सहज रूप से प्रवेश करता है और अन्य संबंधो को अपनाता है|

          5.   दावते होती है , आतिथ्य सत्कार होता हैसामाजिक दायरा बढ़ता है|

       सामाजिक विवाह के कुछ नकारात्मक पक्ष:-

        1.  अधिकतर इसमे विवाह के पक्षों अर्थात वर-वधु की ख़ुशी का महत्तव नहीं होता, जिनके लिए यह सब हो रहा है|

        2.   बेकार के आडम्बरफिजूलखर्ची, दिखावा और इर्ष्या-द्वेष और नीचा दिखानादहेज़उत्पीडन, शराबबाजीआदि नकारात्मक पक्ष उभरकर सामने आते है|

       3.  विभिन्न विधिक/क़ानूनी दस्तावेजो का अभाव होता हैजिससे कि वधु का शोषण और उत्पीडन होता हैतथा कोई विधिक कागज आदि ने होने से विदेश में वीजाऔर विवाह को मान्यता मिलने में समस्या होती है| NRI विवाह  बड़ा दोष यही है|

        4.  पति/पत्नी की मृत्यु होने पर बिमानौकरी, या अधिकार लेने में समस्या होती है, और पीड़ित को उसके अधिकार नहीं मिल पते|

        5.  सामाजिक विवाह भारत में कन्या पक्ष  छोटा और मजबूर दिखता हैऔर कन्या का स्थान पति के बाद आता हैजो समानता के सिद्धांत के विरुद्ध है|

        6. सामाजिक विवाह असमानताभेदभावइच्छा थोपनादहेज़ को बढ़ानाध्वनि प्रदुषणनशाखोरी और आर्थिक शोषण का अंग बन गया है|

          स्पष्टीकरण:- VakeelRKC उपरोक्त लाभ/हानियों का पक्षकार या विरोधी नहीं है ये तथ्य विभिन्न सामाजिक/ आर्थिक/ विधिक अनुसंधानों पर आधारित है|


    सामाजिक विवाह की सुविधा:- VakeelRKC आपको पंजीकरण में पूरी सहायता करेगा और यदि आप भारत सरकार UDID (आधार कार्ड) कार्यक्रम से पूर्णरूप से जुड़े है(अर्थात आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड के अटैच है यदि नहीं तो उसे करा ले) और दोनों में से कोई भी पक्ष उत्तर प्रदेश का निवासी है या विवाह उत्तर प्रदेश में संपन्न हुआ है तो आपका पंजीकरण मात्र एक दिन में न्यूनतम विधिक शुल्क पर (3,500) में करा दिया जायेगाऔर प्रमाणित प्रति जिसे आप कहीं भी ऑनलाइन वेरीफाई करा करते है कि हिंदी और इंग्लिश में दो प्रतियाँ दी जाएगी (विवाह सम्बंधित दस्तावेज प्राप्त होने पर आपको (दोनों में से कोई भी) कचहरी भी आने की जरूरत नहीं, प्रमाणपत्र आपको मेल और पोस्ट कर दिया जायेगा) | परन्तु यदि आप उपरोक्त में से किसी भी शर्त को पूरा नहीं करते तो आपको पंजीकरण के लिए अलग अलग विधिक शुल्क देना होगा जो 5,000 से 10,000 तक हो सकता है यह आपके पास विवाह के दस्तावेजो के प्रकार और उपलब्धता (पहुँच) पर निर्भर करता हैफिर भी आप एक बार VakeelRKC की टीम से सलाह ले सकते है|

    सलाह:- यदि आप सामाजिक विवाह करना कहते है, तो आपसे अनुरोध है कि दोनों पक्षों के भविष्य के लिए विवाह का पंजीकरण अवश्य करायेइससे सामाजिक विवाह के बहुत से दोष कम हो जायेंगेऔर दोनों परिवार विशेषकर कन्या और कन्या पक्ष सुखी रहेगा|
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