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  • Registered Marriage क्या है? सलाह-लाभ , सावधानियाँ- रजिस्ट्रेशन आदि जानिये कुछ



    Registered Marriage क्या है?:-  रजिस्टर्ड विवाह कुछ नहीं है यह बस विवाह को जब रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बाद सक्षम अधिकारी द्वारा पंजीकृत कर लिया जाता है, तब यही वैधनिक प्रक्रिया विवाह पंजीकरण  और विवाह पंजीकृत विवाह (रजिस्टर्ड मैरिज) कहलाता हैविवाह पंजीकरण के विषय में कुछ सवालो के आसन जवाब-
    1.     क्या मुझे सामाजिक विवाह करने के बाद भी रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा?
    जी हाँ! सामाजिक विवाह केवल आपके विवाह को सामजिक मान्यता देता है, इसमे आप वैधानिक पक्षों जैसे गुजरा भत्तापति की संपत्ति में अधिकारबिमाविदेश वीजाबैंक आदि में अपने विवाह को बिना प्रमाणपत्र के प्रमाणीकृत नहीं कर सकतेया बहुत समय लगता है, बहुत से विवाहित धोखे केवल इसी कारण होते है कि विवाह पंजीकरण नहीं कराया, और यह सिद्ध करना मुश्किल हो जाता है कि ये दोनों पति पत्नी हैकई बार प्रेम विवाह कर किया जाता है लेकिन परिवार वालो के दवाब में लड़की को छोड़ना पड़ता है तो बेहतर है कि विवाह पंजीकरण पहले ही करा लेअब केवल तलाक द्वारा ही विवाह रद्द होगा इसमे समय लगेगातब सम्भावना है कि वर का परिवार सामाजिक दवाब में वधु को स्वीकार ही कर ले या अन्य बहुत सी समस्याओं का एकमात्र समाधान विवाह पंजीकरण या कोर्ट मैरिज है|
    2.     क्या मुझे कोर्ट मैरिज करने के बाद भी रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा?
    नहीं! कोर्ट मैरिज में बाद रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं हैक्योकि कौर्ट मैरिज से अपने आप ही विवाह रजिस्टर्ड हो जाता हैयह सबसे कम खर्चीली और तत्काल विवाह की एक विधिक प्रक्रिया है|
    3.     मैरिज रजिस्ट्रेशन करने में कितना समय लगता है?
    यह आपके विवाह के दस्तावेज, UID आधार कार्ड की अपडेट इनफार्मेशन (नाम की स्पेलिंग सही होना,  DOB, पता और मोबाइल no. आदि) और विवाह रजिस्ट्रेशन सर्विस एजेंसी के अनुभव आदि पर निर्भर करता है, यदि सब कुछ अपडेट है तो यह रजिस्ट्रेशन 1 घंटे में, यहाँ तक कि बिना कोर्ट में उपस्थित हुये भीहो सकता हैअधिक जानकारी के लिए VakeelRKC की टीम से सम्पर्क करें.....   

    रजिस्टर्ड विवाह के लाभ:- 
    1. कोर्ट मैरिज/ मैरिज रजिस्ट्रेशन के सभी वैधानिक लाभों के लिए ही रजिस्टर्ड मैरिज है|, कोर्ट मैरिज के लिए यहाँ क्लिककरे....
    2. विभिन्न विधिक/क़ानूनी दस्तावेजो के अंतर्गत होता हैजिससे की वधु का शोषण और उत्पीडन होता नहीं होता हैतथा विभिन्न विधिक कागज आदि ने होने से विदेश में वीजाऔर विवाह को मान्यता मिलने में समस्या भी नहीं होती है|
    3. पति/पत्नी की मृत्यु होने पर बिमानौकरीया अधिकार लेने में समस्या नही होती हैऔर पीड़ित को उसके अधिकार भी मिल जाते है||
    4. मैरिज रजिस्ट्रेशन से दोनों पक्ष सम्पूर्ण बराबरी, हकदारी और एक-दुसरे के क़ानूनी उत्तराधिकारी होते है|
    5. विधि और संविधान में विश्वास स्थापित करवाने का एक विकल्प |

          स्पष्टीकरण:- VakeelRKC उपरोक्त लाभ/हानियों का पक्षकार या विरोधी नहीं है ये तथ्य विभिन्न सामाजिक/ आर्थिक/ विधिक अनुसंधानों पर आधारित है|

       मैरिज रजिस्ट्रेशन की सुविधा:- VakeelRKC आपको मैरिज को रजिस्टर्ड कराने में पूरी सहायता करेगा | दोनों में से कोई भी पक्ष (वर या वधू) या वे/ या कोई एक पिछले एक महीने से उत्तर प्रदेश में रह रहे है (रेंट एग्रीमेंट प्रमाणपत्र के रूप में) या उत्तर प्रदेश का निवासी है या विवाह उत्तर प्रदेश में संपन्न हुआ है तो उनकी मैरिज रजिस्टर्ड जल्द से जल्द (न्यूनतम 1 घंटादस्तावेज प्राप्त होने पर) तथा न्यूनतम विधिक शुल्क पर (5,000) में संपन्न कराया जायेगाऔर प्रमाणित प्रति (जिसे आप कहीं भी ऑनलाइन वेरीफाई करा करते है) कि हिंदी और इंग्लिश में दो प्रतियाँ दी जाएगी प्रमाणपत्र तुरंत हाथो हाथया आपको मेल और पोस्ट कर भी किया जा सकता है | शुल्क और समय बढ़ भी सकता हैयह आपके पास विवाह के दस्तावेजो के प्रकारऔर उपलब्धता (पहुँच) तथा आपत्ति के प्रकार आदि पर निर्भर करता है|  फिर भी आप एक बार VakeelRKC की टीम से सलाह ले सकते हैलेकिन यदि आप दिन से दिन या न्यूनतम समय में विवाह संपन्न करना चाहते है तो (जो केवल उत्तर प्रदेश में संभव है) हमारी टीम से संपर्क कर सकते हैआपकी पूरी विधिक-सहायता और सुरक्षा की जाएगी|

    सलाह:- यदि आप सामाजिक विवाह करना कहते हैतो आपसे अनुरोध है कि दोनों पक्षों के भविष्य के लिए विवाह का पंजीकरण अवश्य करायेइससे सामाजिक विवाह के बहुत से दोष कम हो जायेंगेऔर दोनों परिवार विशेषकर कन्या और कन्या पक्ष सुखी रहेगा|

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    भारतीय विवाह अधिनियम 1954 (विशेष विवाह) के अंतर्गत आसान चरणों में मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
    मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरे भारत में अलग अलग है, इसे विशेष विवाह अधिनियम, 1954 तथा कुछ राज्यों में अलग अलग विवाह अधिनियमों के तहत के अंतर्गत विधिक रूप दिया गया है। इस अधिनियम द्वारा स्वधर्म/ विभिन्न धर्म या अन्य जो भी लागु हो के स्त्री-पुरुष विवाह कर सकते है। मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए पर्सनल विवाह एक्ट भी लागु होते है जैसे हिन्दू विवाह अधिनियममुस्लिम पर्सनल एक्ट, Anand Marriage Act etc..

    क्या विवाह पंजीकरण ऑनलाइन किया जा सकता है
    हाँ । यह केवल उत्तर प्रदेश में संभव हैउत्तरप्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली -2017 के तहत  विवाह पंजीकरण ऑनलाइन किया जा सकता। इसके लिए VakeelRKC की टीम से आपको मिलना होगा, विवाह पंजीकरण तत्काल या एक-दो दिन में हो जायेगा|

    मैरिज रजिस्ट्रेशन: शर्तें

    अध्याय 2, धारा 4, के अनुसार इस विवाह में शामिल होने ले लिए कुछ शर्तों का पालन करना ज़रूरी है। जो निम्न है
    1.    कोई पूर्व विवाह न हो: विवाह में शामिल होने वाले दोनों पक्षों की पहली शादी से जुड़े पति या पत्नी जीवित न हो। साथ ही कोई पूर्व विवाह वैध न हो।
    2.    वैध सहमति: दोनों पक्ष वैध सहमति देने के लिए सक्षम होने चाहिए। अपने मन की बात कहकर दोनों पक्षों को स्वेच्छा से इस विवाह में शामिल होना चाहिए।
    3.    उम्र: पुरुष की आयु 21 वर्ष से ज्यादा तथा महिला की 18 वर्ष से ज्यादा होना ज़रूरी है।
    4.  निषिद्ध संबंध: अनुसूची 1 के अनुसारदोनों पक्षों का निषिद्ध संबंधो की सीमा से बाहर होना जरूरी है। हालांकिकिसी एक के धर्म की परंपराओं में इसकी अनुमति होतो यह विवाह मान्य होगा।5.  विवाह पूर्ण हो चूका हो :- सामाजिक विवाहया आर्य समाज में आपका विवाह पूर्ण हो चुका होऔर आपको सिर्फ रजिस्ट्रेशन करना होइसके लिए आपको VakeelRKC की टीम से मिलना होगा या आप आवश्यक फॉर्म भरकर सक्षम अधिकारी से मिल सकते है और अपना विवाह पंजीकरण करा सकते है|


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